मंगलवार, 22 सितंबर 2020

JAI JAI BAJRANGWALI KI

 झूठ बोलना भी एक कला है, जिसमें इंसान अपने बुने हुए जाल में फँसता भी खुद है और उलझता भी खुद है।

कोई टिप्पणी नहीं: