गुरुवार, 5 जून 2008

आज का विचार

‘’जो हानि हो चुकी है उसके लिये शोक करना, अधिक हानि को निमंत्रित करना है।‘’
--शेक्‍सपीयर--

मंगलवार, 3 जून 2008

आज का विचार

‘’स्‍वभाव कच्‍ची मिट्टी की भांति होता है जिसकी कोई शक्‍ल नहीं होती । इसे आकृति देने की आवश्‍यकता होती है ।‘’
--संतवाणी--